Fascination About पारद शिवलिंग कहा मिलता है

फिर अपनी समझ के अनुसार उसे प्रस्तुत कर देता है. इसमें मेरा कुछ है ही नहीं, क्या सनातन धर्म का दायित्व सिर्फ साधु-संत ही उठाएंगे? हम आप जैसे सामान्य लोगों का भी तो दायित्व बनता है सनातन ध्वजा को ऊंचा रखने के लिए अपने हाथ बढ़ाने का.

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शिवलिंग की यह व्याख्या शैव सम्प्रदाय की प्रमुख परम्परा - शैव सिद्धांत के अनुसार है। शिवलिंग का ऊपरला हिस्सा परशिव और निचला हिस्सा यानी पीठम् पराशक्ति को दर्शाता है। पराशक्ति एवं परशिव भगवान शिव की दो परिपूर्णताएँ हैं।

सर्वप्रथम प्रतिमा को गंगाजल एवं कच्चे दूध से नहलाएं।

पारा इस धरती पर तरल रूप में प्राप्त होता है और पारा प्राकृतिक रूप से काफी जहरीला भी होता है।

घर के सभी वास्तु दोषों की समाप्ति के लिए और वातावरण को पवित्र करने के पारद शिवलिंग / pare ka shivling को घर में रखा जाता है। यदि आप अपने घर में मौजूद दरिद्रता और बुरी शक्तियों का नाश करना चाहते हैं इसे घर में स्थापित कर सकते हैं।

राष्ट्रीय महामार्ग, तेलंगाना आणि महाराष्ट्र यांना जोडणारे शहर, मुंबई आणि हैदराबादला कनेक्टिव्हिटी मिळवून देते. हे महामार्ग परभणीसाठी पुढील कनेक्टिव्हिटी पर्याय उघडतात, इंदौर, झांसी, आग्रा आणि वाराणसी, नागपूर, आदिलाबाद, निजामाबाद, हैदराबाद, बेंगलोर आणि कन्याकुमारी सारख्या उत्तर-पूर्व शहरे इशानौर, उत्तर-पूर्व शहरांशी जोडण्यासाठी आहेत.

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ऐसी अद्भुत महिमा है पारे के शिवलिंग की। आप भी इसे अपने घर में स्थापित कर घर में समस्त दोषों से मुक्त हो सकते हैं। लेकिन ध्यान अवश्य रहे कि साथ में शिव परिवार को भी रख कर पूजन करें।

परादल बनविलेले हे शिवलिंग तेजोलिंग असे म्हणतात आणि बारा ज्योतिर्लिंगाचे समान धार्मिक महत्व आहे.

Worship of the ling is considered to cleanse somebody of various crimes In particular, govadha (cow slaughter), killing a Brahmin, killing a baby पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा and these types of similar crimes. Worshiping this ling on a regular basis and performing good karma someone can attain salvation or Moksha.

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